आज विश्व भर में अनेकों देशों में भिन्न भिन्न प्रकार से पूजा-पाठ अपने-अपने लोग मत के अनुसार की जाती है आज हम बात करते हैं भारत में प्रचलित एक अन्य पूजा की जिसमें सांपों की पूजा का वर्णन है।
देश में विभिन्न विभिन्न पेड़-पौधों पशु-पक्षियों तथा अन्य जीव-जंतुओं को क्षेत्रों के अनुसार पूजा की जाती है जिसमें मुख्य प्रचलन में सांपों की।
भारत में सांप हो एक विशेष दर्जा प्राप्त है जिसमें मुख्य रुप से सांप का भगवान शिव जी के गले में सुशोभित होना कारण है सांप को भगवान शंकर के गले की शोभा बढ़ाते हुए विशेष दर्जा दिया जाता है साथ ही बहुत सी जगहों पर अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार सांपों की पूजा की जाती है कहीं पर बुरी आपदाओं से बचने के लिए कहीं पर भगवान को प्रसन्न करने के लिए सांपों की पूजा की जाती है।
विशेष तौर पर नाग पंचमी के दिन पूरे भारतवर्ष में सांपों की पूजा की जाती जिसमें मान्यता है घर में सुख समृद्धि का प्रवेश होता है।
आइए अब हम बात करते हैं सांपों की पूजा कहां तक सार्थक है और कहां तक निरर्थक है
सर्वप्रथम बात करें की कोई भी व्यक्ति यदि भक्ति करता है तो उसका उद्देश्य होता है किसी भी प्रकार का शारीरिक आर्थिक व मानसिक लाभ उसे प्राप्त हो इसी आशा के साथ वह भक्ति करता है पूजा करता है लेकिन बात यहाँ पर यह है कि क्या ऐसा सम्भव है कि सांप की पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएं इसके बारे में जानकारी हमारे धार्मिक सद्ग्रन्थों से प्राप्त करते हैं।
चार वेद , गीता जी , बाइबिल , क़ुरान तथा गुरुग्रंथ साहेब आदि मुख्य धार्मिक पुस्तकों में कहीं पर भी सांपों की पूजा का विधान नहीं लिखा है इसलिए सांपों की पूजा बिल्कुल व्यर्थ है।
पूजा किसकी करनी चाहिए -
यह बड़ा ही महत्वपूर्ण विषय है कि पूजा किसकी करनी चाहिए और इसका उत्तर प्रमाण के साथ मील जाए तो बड़ा ही अद्भुत होगा।
वेदों में केवल एक पूर्ण परमेश्वर कविर्देव(कबीर साहेब) की भगती करने के बारे में बताया है जिसका समर्थन गीताजी भी करती है साथ साथ क़ुरआन , बाइबिल तथा गुरुग्रंथ साहेब भी करती हैं साथ साथ यह भी बताया है कि कबीर परमेश्वर अपने साधक के सभी पापों को समाप्त कर देता और सत्य भगती करवा कर पूर्ण मोक्ष प्रदान करता है जिसके बारे में गीता अध्याय18 श्लोक 66 में बताया है।
कैसे प्राप्त करें सत्य भगती -
आज वर्तमान समय मे एक मात्र सच्चे पुर्ण तत्वदर्शी सन्त सतगुरु रामपाल जी महाराज(बरवाला, हिसार हरियाणा) हैं जो शास्त्रों के अनुसार भगती साधना बताते हैं।
सभी को सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान समझ कर भगती को अपनाना चाहिए जो कि वास्तविक मनुष्य का मूल कर्तव्य है जिससे लोक तथा परमलोक दोनों का सुख प्राप्त हो सकें।
अधिक जानकारी के लिए देखें सन्त रामपाल जी महाराज जी के मंगल सत्संग प्रवचन साधना टीवी पर रात 7:30 बजे से रोज।

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