मांसाहार के विषय में :-
आज वर्तमान समय में मांसाहार करना मानव की प्रवृत्ति बन गई है विश्व भर में लगभग 85% लोग कहीं ना कहीं किसी न किसी रूप में मांस का सेवन करते हैं जिसमें बेजुबान जानवरों बेजुबान जीवो की हत्या की जाती है जोकि एक बहुत बड़ा पाप है मांस खाने वाले व्यक्ति में शांति एवं विनम्रता की कमी आती है और उग्रता और हिंसात्मक व्यवहार उतपन्न होने लगता है।
मांस मछलियां खात हैं सुरापान से हेत।
ते नर नरक में जाएंगे , मात पिता समेत।।
मांसाहार से भौतिक हानियां :-
● मांसाहार सेवन करने से शरीर में अनेकों बीमारियां होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है ।
● जिस जानवर का मांस खाया जाता है उस में पाई जाने वाली बीमारियां मनुष्य को होनी निश्चित हो जाती है।
● मांस खाने वाले व्यक्ति शाकाहारी व्यक्तियों की तुलना में हिंसक और उग्र स्वभाव के होते हैं।
● कुछ-कुछ प्रतिशत जिस पशु का मांस खाया जाता है उसका व्यवहार उसके लक्षण मनुष्य में दिखाई देने लगते हैं।
मांसाहार आध्यात्मिक दृष्टि से :-
● आध्यात्मिक नज़रिए से मांसाहार खाना महापाप बताया है।
● परमेश्वर ने बताया है तिल के समान मछली खाकर यदि करोड़ों गाय भी दान कर दें तो भी उस पापी आत्मा को नर्क में दुखों को भोगना पड़ता है।
● कबीर साहब कहते हैं बकरी ने पौधा खाया और उसे मृत्यु का सामना करना पड़ा गला कटवाना पड़ा और जो मनुष्य उस बकरी को खा रहा है उसके साथ क्या बनेगी यह सोचने की बात है।
● मुसलमान कहते हैं कि हम धीरे-धीरे हलाल करते हैं जिससे उस जानवर को तकलीफ कम होती है हिंदू कहते हैं हम झटके से मार देते हैं जिससे उसे तकलीफ कम होती है कबीर परमात्मा कहते हैं कि यदि आपके परिवार के सदस्य को झटके से गर्दन काट कर मारा जाए या धीरे धीरे गर्दन काट कर मारा जाए तो कितना दर्द और कितनी तकलीफ है हम महसूस करेंगे वैसा ही जानवरों के साथ भी है।
● पूरे जीवन में एक बार मांस खाने के उपरांत आजीवन मांसाहार ना करने पर भी भगवान के दरबार में सजा के तौर पर मनुष्य शरीर छूटने के बाद लगातार 70 जन्म गला कटकर मृत्यु होती है।
● किसी भी जीव का मांस खाने वाला पापी इंसान घोर नरक में जलता है जिसका दर्द और पीड़ा असहनीय होती है इससे बचने के लिए मांस खाना बंद करें।
मांसाहार से बचने के उपाय :-
मांसाहार एक बहुत बड़ा पाप और कुरुति है जिसे केवल और केवल ज्ञान से समाप्त किया जा सकता है यदि इंसान को इस बात का ज्ञान हो जाए कि मांस खाने से उसे क्या क्या हानि क्या क्या नुकसान होते हैं तो वह मनुष्य अपने जीवन में कभी मांस के हाथ भी नहीं लगाएगा परमात्मा के वास्तविक विधान को जानकर जीव सभी पापों से दूर हो जाता है और सभी दुखों से बच जाता है और अपने जीवन को सुखी बना कर जीवन व्यतीत करता है।
संत रामपाल जी महाराज के पास वास्तविक अध्यात्मिक ज्ञान है जिससे परमेश्वर कबीर साहेब के विधान अनुसार दुराचारी से भी दुराचारी व्यक्ति सभी पापों सभी अपराधों को छोड़कर एक शब्द और सज्जन इंसान बन जाता है ।
बाइबल में बताया है कि परमेश्वर ने मनुष्य को फलदार वृक्ष और बिज़दार पौधे खाने का हुक्म दिया है।
संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन साधना टीवी पर रोज रात 7:30 बजे देखें
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🙏धन्यवाद🙏
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