अमर परमेश्वर -
यह संपूर्ण सृष्टि विनाश में आती है और इसके अंतर्गत जितने भी जीव पशु पक्षियों पेड़ों से लेकर मनुष्य तक सभी इस सृष्टि के साथ समाप्त हो जाते हैं अजर अमर अविनाशी जिसे मारने में कोई भी समर्थ नहीं है वह परमात्मा है जिन्होंने यह सारी दुनिया बनाई ब्रह्मांड बनाएं और उनके अंतर्गत आने वाले सब जीवों को बनाया।
जिस परमात्मा की गवाही विश्व भर में सभी धर्म तथा उनकी धार्मिक पवित्र पुस्तकें देती हैं वह परमेश्वर जिसे हम परमात्मा , राम , भगवान खुदा , रब , अल्लाह आदि आदि उपमात्मक नामों से जाना जाता है उनका वास्तविक नाम कविर्देव है कबीर परमेश्वर है अल्लाह हू अकबर है।
वह कबीर परमात्मा चारों युगों में धरती पर आकर अपना सत्य ज्ञान खुद अपने मुख कमल से बोलकर अपने प्यारी आत्माओं को बताकर और उन्हें यथार्थ भक्ति विधि देखकर अपने साथ पूर्ण मोक्ष करवाकर सतलोक ले जाते हैं।
परमात्मा का चारों युगों में आने का प्रमाण-
परमेश्वर कबीर साहिब जी की वाणी है
सतयुग में सत सुकृत कह टेरा ,
त्रेता नाम मुनींद्र मेरा ।
द्वापर में करुणामै कहाया, कलयुग नाम कबीर धर आया।।
कलयुग में परमेश्वर अपने वास्तविक कबीर नाम से सहशरीर प्रकट होते हैं माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते।
जब वह परमात्मा 600 वर्ष पहले काशी शहर के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए थे तब से उनकी कलयुग में लीला शुरू हुई थी परमेश्वर 120 वर्ष काशी में रहकर और अनेकों जीवो को सत्य ज्ञान बताकर सुखी किया तथा तत्वज्ञान से परिचित करवाया उस समय उनके 64 लाख शिष्य हो गए थे इसी के दौरान बहुत सी समस्याओं परेशानियों और विरोध का सामना भी करना पडा जोकि आम मनुष्य के वश की बात नहीं थी।
परमेश्वर कबीर साहिब जी के 64 लाख शिष्यों में से एक शिष्य दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी भी थे जिनके जलन का रोग परमेश्वर कबीर जी ने समाप्त किया था
बादशाह सिकंदर लोधी के धार्मिक पीर जिसका नाम शेखतकी था वह परमेश्वर कबीर जी से ईर्ष्या करता था तथा अनेकों मौके ढूंढता था जब परमेश्वर कबीर जी को नीचा दिखा सकें , शेखतकी ने 52 बार अलग-अलग तरीकों से परमेश्वर कबीर साहेब का मरवाने की कोशिश करी थी परंतु वह असमर्थ रहा बार-बार अपमानित करने की कोशिश करी थी परंतु परमेश्वर जनता की नजरों में सम्मानित होते गए और उस समय हुए अद्भुत अनमोल चमत्कारों से परमेश्वर ने अपने सभी बच्चों तक अपना ज्ञान पहुंचाया और उन्हें अपनी शरण में लिया ।
शेख तकी द्वारा की गई 52 बदमाशियां -
• शेखतकी के द्वारा मुर्दे को जिंदा करने की चुनौती देना परमेश्वर के द्वारा कमाल को जीवित करना।
• शेखतकी की पुत्री जो कुछ दिन पहले मृत्यु को प्राप्त हुई थी उसे कब्र से निकलवा कर जीवित करना जिससे उसका नाम कमाली रखा गया।
• शेखतकी द्वारा कबीर परमेश्वर को उबलते तेल के कड़ाही में डलवा देना।
• काशी में शेखतकी द्वारा परमात्मा कबीर साहेब जी को बदमाशों के द्वारा तलवार से कटवाने का असफल प्रयास करना।
• परमेश्वर कबीर जी को सूलों से छलनी करवाने का असफल प्रयास करना।
• कबीर परमेश्वर के नाम से झूठी 3 दिन के भंडारे की चिट्ठी डलवा कर 18 लाख साधु-संतों को इकट्ठा करना।
आदि आदि इस प्रकार 52 प्रकार के बदमाशियां की थी।
परंतु परमेश्वर कबीर जी का बाल भी बांका नहीं हुआ क्योंकि वह स्वयं पूर्णब्रह्म परमात्मा जिन्होंने सारे ब्रह्मांड और सर्व सृष्टि के रचनकर्ता हैं तथा उन्होंने किसी का अहित नहीं किया किसी को मारा नहीं क्योंकि वह सभी परमेश्वर के ही बच्चे हैं।
वास्तविक परमात्मा कभी किसी का अहित नहीं करते क्योंकि सर्व सृष्टि के जीव उनकी संतान हैं उनके बच्चे हैं और वह परमेश्वर प्रेम तथा ज्ञान सत्य भक्ति से सभी को सुखी करते हैं और मोक्ष दायक भक्ति प्रदान करवा कर सतलोक लेकर चले जाते हैं जहां से वापस लौटकर जीव कभी संसार में नहीं आता वही वास्तविक शाश्वत स्थान है।
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सत साहेब जी
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